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    प्राचार्य

    प्राचार्य

    उमा एस चंद्रा प्राचार्य

    ” शिक्षा का अधिकार , नई शिक्षा नीति के साथ एक न्यूनतम मिनट का प्रतिनिधित्व करने के लिए है । ”

    पी एम श्री केन्द्रीय विद्यालय बी ई जी, पुणे की आधिकारिक वेबसाइट पर आपका स्वागत है।आप इस साइट के माध्यम से विद्यालय समुदाय की जीवंतता और शक्ति का अनुभव प्राप्त कर सकेंगे क्योंकि यह हमारे जीवंत स्कूल जीवन की एक खिड़की है । हमारे स्कूल में उत्साही छात्रों और ज्ञान से परिपूर्ण कर्मचारियों की एक समर्पित टीम है ,जो छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने हेतु प्रतिबद्ध है । विद्यालय एक अद्वितीय पाठ्यक्रम और ‘कक्षा से परे सीखने ‘ पर बल देता है , जिससे हमारे छात्र सर्वोत्तम कौशल एवं ज्ञान से लैस होकर भावी वैश्विक जीवन में अपनी भूमिका सफलतापूर्वक निभाएं। विद्यालय में रक्षा कर्मियों के बच्चों के साथ – साथ नागरिकों को समर्पण, भक्ति, उत्साह , ईमानदारी, निष्ठा, जिम्मेदारी, दक्षता और जवाबदेही के साथ शैक्षिक आवश्यकताओं की पूर्ति की जाती है। हम एक शैक्षणिक समुदाय हैं,जो छात्रों, पूर्व छात्रों, कर्मचारियों एवं अभिभावकों को स्कूली जीवन के सभी पहलुओं में शामिल करने और सम्मान, जिम्मेदारी, सहयोग तथा नैतिक मूल्यों आदि के साथ खुद को पहचानने हेतु प्रोत्साहित करते हैं।
    यहां सीखना कई आकृतियों एवं रूपों जैसे – खेल के मैदान,मंच पर, विभिन्न गतिविधियों, किशोरावस्था शिक्षा कार्यक्रम, प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों और राष्ट्रीय मंच की प्रतियोगिताओं में भाग लेने आदि के आधार पर होता है। विद्यालय का उद्देश्य बेजोड़ गुणात्मक शिक्षा एवं उत्कृष्टता प्रदान करना है।हमारा प्रयास शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखना तथा शैक्षिक प्रौद्योगिकी, उसके अनुप्रयोग को कक्षाओं में एकीकृत करना है । भूमंडलीकरण और मनुष्य की जरूरतों तथा बढ़ती विविधता, प्रतिस्पर्धा कौशल से शिक्षा के क्षेत्र में मांग बढ़ी है। हमारा लक्ष्य छात्रों को स्वायत्त विद्यार्थी बनने हेतु प्रशिक्षित करना है तथा रचनात्मकता, तार्किकता, विचार – विश्लेषणात्मक , जिज्ञासु, संवेदनशीलता के साथ ही विचार, शब्द और कर्म में मानवीय मूल्यों से परिपूर्ण बनाना है।
    हमारा विश्वास है कि नैतिक मूल्यों को जड़ देना अति महत्वपूर्ण है ताकि हमारे छात्र ज़मीन पर मज़बूती से टिक सकें । हम अपने छात्रों को महत्वाकांक्षा के पंख देते हैं जिससे वे आसमान को छूने के लिए बाज़ पंछीं की तरह आगे बढ़ें और खुद को वैश्विक नागरिक बनाने का प्रयास करें और भौगोलिक सीमाओं से परे दिखें ।
    जय हिन्द